Gauhar"शिक्षा: समाज की उन्नति का आधार"
शिक्षा एक ऐसा मूल्य है जो समाज को प्रगति और विकास की दिशा में बढ़ावा देती है। ये एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को ज्ञान, संस्कार और सामाजिक संवेदना प्रदान करता है। शिक्षा के बिना समाज में सुधार और प्रगति संभव नहीं है।
पहले, शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान का भंडार प्रदान करती है, जो उसको अपने आस-पास के विचार-विमर्श में सुधारने में मदद करता है। ज्ञान के बिना व्यक्ति अपने क्षेत्र में उन्नति नहीं कर सकता। शिक्षा व्यक्ति में दृष्टि, सोच और सामाजिक संवेदना को विकसित करती है।
दूसरी ओर, शिक्षा व्यक्ति को संस्कार प्रदान करती है। ये बताती है कि क्या सही है और क्या गलत। संस्कार, व्यक्ति को एक नीति और मर्यादा में रहने की शिक्षा देता है, जो समाज में साधारण जीवन का एक महत्व पूर्ण हिसा है।
शिक्षा के माध्यम से व्यक्तित्व में एक उच्च संभावना होती है और उसका व्यवहार समाज में सुधार होता है। शिक्षा से आने वाले परिवर्तन से समाज में अध्ययन, अनुशासन और तकनीक में सुधार होता है।
अंत में, शिक्षा व्यक्ति को सामाजिक संवेदना प्रदान की जाती है। ये बताती है कि दूसरे लोगों की भावनाएँ और अनुकूलताओं को समझना कितना महत्वपूर्ण है। इस समाज में एक जज्बात का भाव बनता है, जिसका परिनाम स्वाभाविक रूप से एक सहयोगी और मेल-जोल वाला समाज होता है।
इस प्रकार, शिक्षा एक ऐसी आधार है जो समाज को विकसित और प्रगतिशील बनाता है। ये एक व्यक्ति को उसका अधिकार और कर्तव्य का ज्ञान प्रदान करता है, जो एक समृद्ध समाज के लिए अवसर है।
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